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Abdulamin BarkaTi Qadri

Thursday, January 12, 2017

کیجئے چرچہ گجراتی

╭─━━━━━━──•┉┉•──━━━━━─╮                                           !   *मन्कबत दर शाने गौसे आज़म* ╰─━━━━━━──•┉┉•──━━━━━─╯
                      *۷۸۶\۹۲*

*कीजीये चर्चा शहे बगदाद का*
*बज्ता हे डंका शहे बगदाद का*

*सर जुका कर बा अदब यु कहते है*
*ऊँचा हे रुतबा शहे बगदाद का*

*मुश्किलें भी हो गयी आसान मेरी*
*जब पढ़ा खुतबा शहे बगदाद का*

*नज्दियो बह्का नहीं सकते मुजे*
*क्यों के हे पहरा शहे बगदाद का*

*गर मुरादे बर नआये तेरी तो*
*दिल से कर सद्क़ा शहे बगदाद का*

*चाँद भी जुक कर सलामी दे जिसे*
*हे वही रोज़ा शहे बगदाद का*

*दरबदर वो ठोकरे खाता नहीं*
*जो भी हे मंगता शहे बगदाद का*

*हैं वली जितने यही कहते  है सब*
*सर पे हे तल्वा शहे बगदाद का*

*हर बला से में दूर होता गया*
*जब पढ़ा शजर शहे बगदाद का*

*काश जीते जी अमीने कादरी*
*देखले रोज़ा शहे बगदाद का*
❣💜❣💜❣💜❣💜

╭─━━━━━━──•┉┉•──━━━━━─╮                                          🖊 *अब्दुल अमीन बरकाती कादरी*
☎ *+919033263692* ╰─━━━━━━──•┉┉•──━━━━━─╯

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