╭─━━━━━━──•┉┉•──━━━━━─╮ ! *मन्कबत दर शाने गौसे आज़म* ╰─━━━━━━──•┉┉•──━━━━━─╯
*۷۸۶\۹۲*
*मुझ को दरबार बुलाते रहे गोसे आज़म*
*अपना दीवाना बनाते रहे गोसे आज़म*
*बंदगी कया हे बताते रहे गोसे आज़म*
*मारिफ़त कयाहे दिखातेरहे गोसे आज़म*
*बहरे ज़ुल्माते अलम मेहे मेरी कश्ती फसी*
*मुझको आफत से बचातेरहे गोसे आज़म*
*देखना चाहते है हम भी वो शाही रोज़ा*
*मुझको बगदाद बुलाते रहे गोसे आज़म*
*अपनी पलको से लगाता रहुगा मे जारु*
*हम दीवानो को बुलाते रहे गोसे आज़म*
*फिक्रे दुनिया में परा़ हे ये* अमीने *खस्ता*
*फिक्रे दुनिया से बचाये रहे गोसे आज़म*
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╭─━━━━━━──•┉┉•──━━━━━─╮ 🖊 *अब्दुल अमीन बरकाती कादरी*
☎ *+919033263692* ╰─━━━━━━──•┉┉•──━━━━━─╯
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